सभी अनिष्टों को दूर कर जीवन में सभी सुखों को देनेवाला ग्रह देवगुरु बृहस्पति ।।



सभी अनिष्टों को दूर कर जीवन में सभी सुखों को देनेवाला ग्रह देवगुरु बृहस्पति ।। Sabhi Sukhon Ka Data Grah Brihaspati.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, नवग्रहों में बृहस्पति सबसे से ज्यादा शुभ और सबसे बड़ा ग्रह है । बृहस्पति ग्रह में ऐसी शक्तियाँ हैं, जो अन्य ग्रहो के दूषित प्रभाव को भी आसानी से शान्त कर देती है । एक अकेला बृहस्पति यदि कुंडली में अनुकूल हो तो कई तरह के दोषों को यह मिटा देता है । यथा - किं कुर्वन्ति ग्रहाः सर्वे यस्य केन्द्रे बृहस्पति । अर्थात् बाकी के ग्रह क्या बिगाड़ लेंगे जब बृहस्पति किसी केन्द्र में बैठा हो ।। यह सुख का कारक ग्रह भी माना गया है अतः जिस पर भी इसकी कृपा होती है ऐसे जातको के जीवन में सुख-सौभाग्य सदैव बना रहता है । रिश्तों की कदर करना और उन्हें संभलकर निभाना यह बृहस्पति के शुभ प्रभाव से ही संभव हो पाता है ।।

मित्रों, जन्मकुण्डली में किसी अनिष्ट फल देने वाले ग्रह पर बृहस्पति का दृष्टि हो या उसके साथ बृहस्पति की युति हो तो उस अनिष्टकारक ग्रह के अनिष्ट फल समाप्त हो जाते हैं या अनिष्ट फल बहुत कम मात्रा में जातक को मिलते है ।। बृहस्पति वैवाहिक जीवन का एवं विवाह का कारक ग्रह भी माना जाता है । किसी भी रिश्ते को ठीक तरह से लंबे समय तक सुख पूर्वक चलते रहना बृहस्पति की शुभ कृपा से ही सफल हो पाता है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भाव के स्वामी ग्रह की स्थिति अनिष्टकारक हो या ग्रह स्वयं पीड़ित हो तो उसके शुभ फल जातक को नहीं मिलते है ।।

मित्रों, कभी-कभी कोई कारक ग्रह भी किसी स्थिति में पीड़ित हो तो उसका भी शुभ फल जातक को नहीं मिलता । परन्तु ऐसे कारक ग्रहों अथवा किसी अनिष्टकारी भाव के स्वामी ग्रहों पर भी यदि शुभ बृहस्पति का शुभ प्रभाव हो जाय तो उन ग्रहों के भी फल स्थाई रूप से अनुकूल मिलते रहते है । यह सब बृहस्पति की कृपा से ही संभव होता है ।।

जिन जातकों पर बृहस्पति का बहुत ज्यादा शुभ प्रभाव होता है, ऐसे जातक बहुत ही भावुक, ईमानदार, अपनी कही बात का पालन करने वाले, दृढ निश्चयी, और समाज में अपने इन्हीं खूबियों के कारण सम्मानित होते है ।। मित्रों, जन्मकुंडली के लग्न भाव में बैठा बृहस्पति विशेष शुभ फल देने वाला होता है । इसके वजह से अपने दादा एवं बड़े बुजुर्गो का सहयोग तथा किसी अच्छे सलाहकर का साथ मिलता है । जीवन में इस प्रकार की शुभ स्थितियों का निर्मित्त होना जातक की कुण्डली में बृहस्पति ग्रह की अच्छी स्थिति को बताता है ।।

जिस किसी ग्रह पर भी बृहस्पति का शुभ प्रभाव पड़ जाता है, ऐसे ग्रह के शुभत्व में वृद्धि हो जाती है और उस ग्रह के पूर्ण अनुकूल फल जातक को मिलने लगते है । कुंडली के जिस भाव पर बृहस्पति की दृष्टि होती है उस भाव से संबंधित शुभ फल जातक को उसके जीवन में लंबे समय तक मिलते रहते हैं ।। मित्रों, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति सर्वाधिक शक्तिशाली ग्रह बताये गये हैं । यही कारण है, कि यह शनि, मंगल एवं राहु के भी दुष्ट एवं क्रूर प्रभाव को भी शान्त करके स्थितियों को अनुकूल बनाये रखते हैं । ऐसी शक्ति बृहस्पति के आलावा किसी और ग्रह में नही है इसी कारण ग्रहो में यह श्रेष्ट माने जाते हैं ।।

धनु और मीन लग्न की कुंडलियो के स्वामी होकर इस लग्न के जातकों का यह पूरी तरह से प्रतिनिधित्व करते हैं । बृहस्पति के शुभ और अनुकूल फल प्राप्ति के लिए बृहस्पति बार के दिन केले के जड़ में पूजन करना, पीपल को जल देना, ब्राह्मणों और विद्वानो का आशीर्वाद लेना चाहिये । इनका सम्मान करने से बृहस्पति के अनुकूल फल मिलने लगते हैं । इसके आलावा बृहस्पति के मन्त्र का जप करने से भी इनके शुभ फलो में वृद्धि होती है ।। वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।

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।।। नारायण नारायण ।।।
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1 comments:

  1. Sir meri date of birth 12/10/1975 time 1.38pm birth place agra hai. guru ji mujhe kya karna chahiye koun sa stone dharan karna chahiye , jis se meri problem khatam ho sake, sir meri makar lagna aur dhanu rashi hai. kya mai makar lagna ke aadhar par upaye karu ya dhanu rashi se.

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