जन्म कुंडली में राजयोग!!
कुंडली में कुछ खास ग्रहों की युति अथवा कुछ ख़ास भावो में स्थिति ही राजयोग कहलाती है. जिस कुंडली में राजयोग का निर्माण हो रहा हो, ऐसा जातक या व्यक्ति ज़िन्दगी में लगभग सभी सुविधाओं का का उपभोग करता है. सफलता, प्रसिद्धि तथा धन की कोई कमी नहीं रहती है. जीवन वैभव से परिपूर्ण रहता है और सभी ऐशो-आराम उपलब्ध रहते है.
अगर सही अर्थो में कहा जाएँ तो राजयोग कुछ भी नहीं, सिर्फ व्यक्ति के पूर्व जन्मो का अथवा संचित कर्मो का फल होता है, जो उसे इस जन्म में प्राप्त होता है. क्रियमान कर्मो अथवा इस जन्म के कर्मो का राजयोग के निर्माण में कोई खास योगदान नहीं होता है. यह सब भाग्य का खेल होता है, और भाग्य संचित कर्मो से बनता है. जो कर्म हम जन्म-जन्मान्तर करते रहते है, वही संचित कर्म होते है.
आपने देखा होगा, अक्सर एक सामान्य से परिवार में जन्म लेने के बाद भी व्यक्ति सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर देता है. धीरू भाई अम्बानी भी ऐसे ही सफल और भाग्यशाली व्यक्तिओ की श्रेणी में आते है.
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वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।
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किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।
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संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
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E-Mail :: astroclassess@gmail.com
Website :: www.astroclasses.com
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।।। नारायण नारायण ।।।
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अगर सही अर्थो में कहा जाएँ तो राजयोग कुछ भी नहीं, सिर्फ व्यक्ति के पूर्व जन्मो का अथवा संचित कर्मो का फल होता है, जो उसे इस जन्म में प्राप्त होता है. क्रियमान कर्मो अथवा इस जन्म के कर्मो का राजयोग के निर्माण में कोई खास योगदान नहीं होता है. यह सब भाग्य का खेल होता है, और भाग्य संचित कर्मो से बनता है. जो कर्म हम जन्म-जन्मान्तर करते रहते है, वही संचित कर्म होते है.
आपने देखा होगा, अक्सर एक सामान्य से परिवार में जन्म लेने के बाद भी व्यक्ति सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर देता है. धीरू भाई अम्बानी भी ऐसे ही सफल और भाग्यशाली व्यक्तिओ की श्रेणी में आते है.
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